हम जब सर्कस देख रहे होते हैं तो मौत का कुआँ देखते हुए हमारी रूह कांप जाती है, हर साल २२००० से ज्यादा आदमी सीवर में दम घुटने से मर जाते हैं, कोई उफ़ तक नहीं करता...

हम जब सर्कस देख रहे होते हैं तो मौत का कुआँ देखते हुए हमारी रूह कांप जाती है, हर साल २२००० से ज्यादा आदमी सीवर में दम घुटने से मर जाते हैं, कोई उफ़ तक नहीं करता...

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