कुंवर नटुआ दयाल एक अद्भूत कथा

ranjan kumar
भागलपुर, विवि संवाददाता : कथाकार रंजन की कृति 'कुंवर नटुआ दयाल' का लोकार्पण सोमवार को भारतीय योग परिषद भागलपुर के तत्वावधान में जेएस एजुकेशन भीखनपुर में हुआ। पुस्तक का लोकर्पण श्रीमति सीता कुंज, श्रीमति सावित्री मिश्रा एवं श्रीमति संध्या मिश्रा, मानस कोकिला कृष्णा मिश्रा, वरिष्ठ साहित्याकार डॉ. राधाकृष्ण सहाय ने संयुक्त रूप से किया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्रीमति कृष्णा मिश्रा ने कहा कि कुंवर नटुआ दयाल एक अद्भूत कथा है। इसे पढ़ते हुए तात्कालिन अंग प्रदेश का संघर्ष एवं उसकी संस्कृति हमारे सामने आती है। यह उस समय की अंग समाज एवं संस्कृति की आंखन देखी है। लेखक ने इस उपन्यास को अपने सांस में जीया है इसलिए लोक मानस से जुड़ी यह लोकगाथा याद रखी जाएगी। मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार एवं रंगकर्मी डॉ. राधाकृष्ण सहाय ने कहा कि लोकगाथा रक्त की तरह हमारे नस-नस में बसी होती है। इसके जरिए आम लोगों को इतिहास एवं उसकी संस्कृति संरक्षित रहती है। कुंवर नटुआ दयाल ऐसी ही एक सांस्कृतिक कृति है। इस मौके पर उयकांत मिश्रा ने फोन पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुंवर नटुआ दयाल एक कालजयी कृति है। इसके जरिए हमें अंग प्रदेश के गौरवशाली इतिहास एवं संस्कृति की झलक मिलती है। उन्होंने इस उपन्यास को रेडियो नाटक एवं नुक्कड़ नाटकों के जरिए जन-जन तक पहुंचाने की अपील की।
लेखक रंजन कुमार ने कहा कि प्रचलित धारणा है कि लोकगाथा नटुआ दयाल की नायिका बहुरा गोढि़न एक डायन थी। लेकिन वास्तव में उसे सामाजिक परिवर्तन की अग्रदूत के रूप में देखा जाना चाहिए। बहुरा गोढि़न ने दलित शोषितों के सम्मान की रक्षा के लिए उस समुदाय की स्त्रियों को संगठित किया। इस अवसर पर डॉ. अमरेन्द्र, पारस हरिकुंज, शिव कुमार शिव, गिरिधर प्रसाद, टीपी सिंह, मुकुटधारी अग्रवाल, शिवमंगल सिंह मानव, पीएन जायसवाल, डॉ. अरविंद, अंजनी कुमार शर्मा, राज कुमार, दिनेश तपन, डॉ. योगेन्द्र, सुरेन्द्र जैन, डॉ. विद्या रानी, डॉ. सुजाता चौधरी, संजय कुमार झा बंगटू, मीरा झा, पुनम तिवारी, रामकिशोर, हीरा प्रसाद हरेन्द्र, गिरधारी केजरीवाल, पवन कुमार शर्मा प्रणव आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जेएस एजुकेशन के निदेशक राजीव कांत मिश्रा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन हरिशचन्द्र मिश्रा ने किया।

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