घर आया हूँ. भागलपुर. थोड़ी सर्दी है...पर मज़ेदार मैं इधर रजाई में दुबका हुआ हूँ..बड़े भाई साब अपनी बेटी को कहानी सुना रहे हैं...नाई और राजा-रानी वाली .......अच्छा लग रहा है ये कहानी हमें बचपन में मामाजी सुनते थे. वो भी पास ही बैठे हुए हैं
घर आया हूँ. भागलपुर. थोड़ी सर्दी है...पर मज़ेदार मैं इधर रजाई में दुबका हुआ हूँ..बड़े भाई साब अपनी बेटी को कहानी सुना रहे हैं...नाई और राजा-रानी वाली .......अच्छा लग रहा है ये कहानी हमें बचपन में मामाजी सुनते थे. वो भी पास ही बैठे हुए हैं
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