भ्रष्टाचार का खेल भारत में तिन्तासिया की तरह चलता है. इसके कई रूपक हैं..कई रंग हैं, कई चेहरे हैं, ये ताश के ऐसे खेल की तरह है जिसमे पत्ते तो बावन हैं पर भारी जोकर (राजनीती )ही पड़ता है. यदि बात अन्ना हजारे की करें शीबा दी तो इसमें आश्चर्य बिलकुल नही करना चाहिए..भारत वैसे भी "अवतार " का देश रहा है...याद कीजिये..यदा यदा ही.....कभी राम ने अवतार लिया तो कभी कृष्ण ने ....अब अन्ना हजारे हा हा ...और दोस्तों सचेत रहिये कहीं अरुंधती की भाषा बोलने लगे की उनकी तरह देशद्रोही करार दिए जाओगे या विनायक की तरह अन्दर...रंग बिरंगा पर्जातंतर
भ्रष्टाचार का खेल भारत में तिन्तासिया की तरह चलता है. इसके कई रूपक हैं..कई रंग हैं, कई चेहरे हैं, ये ताश के ऐसे खेल की तरह है जिसमे पत्ते तो बावन हैं पर भारी जोकर (राजनीती )ही पड़ता है. यदि बात अन्ना हजारे की करें शीबा दी तो इसमें आश्चर्य बिलकुल नही करना चाहिए..भारत वैसे भी "अवतार " का देश रहा है...याद कीजिये..यदा यदा ही.....कभी राम ने अवतार लिया तो कभी कृष्ण ने ....अब अन्ना हजारे हा हा ...और दोस्तों सचेत रहिये कहीं अरुंधती की भाषा बोलने लगे की उनकी तरह देशद्रोही करार दिए जाओगे या विनायक की तरह अन्दर...रंग बिरंगा पर्जातंतर
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sujhawon aur shikayto ka is duniya me swagat hai