इस महिला की मर्दानगी को शत शत नमन ! अगस्त 08, 2011 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप हंस के अगस्त अंक में शीबा असलम फहमी का आलेख "नई आंधियां " ज़रूर पढ़ें . एक अंश -"इतनी तरह की बगावत देखने के बाद मेरे पास एक ही जवाब बचता है की यह महिलाएं कैसे धर्म के अन्दर बनीं हुयी है? क्यूँ नहीं छोड़ जाती " इस महिला की मर्दानगी को शत शत नमन ! टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
sujhawon aur shikayto ka is duniya me swagat hai