इस महिला की मर्दानगी को शत शत नमन !

हंस के  अगस्त अंक में शीबा असलम फहमी का आलेख "नई आंधियां " ज़रूर पढ़ें . एक अंश -"इतनी तरह की बगावत देखने के बाद मेरे पास एक ही जवाब बचता है की यह महिलाएं कैसे धर्म के अन्दर बनीं हुयी है? क्यूँ नहीं छोड़  जाती "  इस महिला की मर्दानगी को शत शत नमन !

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