साथियों, सन १९३४ में घोरघट में महात्मा गाँधी को एक लाठी उपहार स्वरुप दी गयी. मान्यता है की बापू ने ताउम्र वो लात अपने साथ रखी विदित हो की मुग़ल काल से ही घोरघट लाठियों के कारोबार के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता था. अगरजीत पासवान के नेतृत्व में स्वतंत्रता सेनानियों और ग्रामीणों ने गाँधी को लाठी भेंट की थी. उन्ही क्षणों को याद कर "घोरघट की लाठी महोत्सव" का आयोजन किया जा रहा है. घोरघट, मुंगेर, बिहार में आप का स्वागत है ...
साथियों, सन १९३४ में घोरघट में महात्मा गाँधी को एक लाठी उपहार स्वरुप दी गयी. मान्यता है की बापू ने ताउम्र वो लात अपने साथ रखी विदित हो की मुग़ल काल से ही घोरघट लाठियों के कारोबार के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता था. अगरजीत पासवान के नेतृत्व में स्वतंत्रता सेनानियों और ग्रामीणों ने गाँधी को लाठी भेंट की थी. उन्ही क्षणों को याद कर "घोरघट की लाठी महोत्सव" का आयोजन किया जा रहा है. घोरघट, मुंगेर, बिहार में आप का स्वागत है ...
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