इस साल अबतक लगभग 647 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. मजलूम, मजदूर, दलित और किसानो की इस देश में यही कहानी है. मैंने फैसला किया है की इस साल नव वर्ष आगमन का जश नहीं मनाऊंगा....
इस साल अबतक लगभग 647 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. मजलूम, मजदूर, दलित और किसानो की इस देश में यही कहानी है. मैंने फैसला किया है की इस साल नव वर्ष आगमन का जश नहीं मनाऊंगा....
kisaano ki aatmahatya bahut dukhad vishay hai..aur iske liye samaj ke bade bade thekedar jimmedar hai
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