बलात्कार संस्कृति हिन्दू धर्म संस्कृति का हिस्सा रही है-डॉ ओम सुधा

यम ने अपनी बहन यमी के साथ
ब्रह्मा ने पुत्री सरस्वती के साथ
इंद्र ने अपनी गुरुमाता अहिल्या के साथ ...बलात्कार किया था !
चौकिये मत साथियों,
बलात्कार तो भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है । इसमें इतना अचंभित होने जैसा कुछ नही है । कभी सोचा है कि द्रोपदी हर दिन बलात्कार से जूझती होगी ?
यह दोगला समाज है , मिथ कथाएं इस बात की गवाह है कि प्रेम निवेदन को गलत ठहराते हुए शूर्पणखा की नाक काट दी जाती है और भाई-बहन, पिता -पुत्री और माँ बेटे के बीच हुए जबरन वलात्कार को मान्यता देता है ।
मेरी बात हिन्दू धर्म की उन घटिया किताबों से उद्धृत है जिसे आप पवित्र धर्म ग्रंथ कहते हैं ।
अगर गहराई से देखेंगे तब पता चल जाएगा कि
बलात्कार संस्कृति हिन्दू धर्म संस्कृति का हिस्सा रही है । तमाम किताबे औरत को इस्तेमाल और भोग की वस्तु समझाने की कोशिश करते दिखते हैं । मनु स्मृति जैसी घटिया किताब इसी महान सनातन परंपरा का हिस्सा है । वर्ण व्यवस्था से लेकर औरत को ताड़न की अधिकारी वताने वाली तमाम किताबे पुरुषवाद को मजबूत करती हैं और बलात्कार की परंपरा को आगे बढ़ाने वाली हैं ।
कुछ तो बात होगी की हिन्दू कोड बिल पर मंत्री पद से।इस्तीफा देने वाले बाबा साहब ने हिन्दू धर्म को लात मार दी ।
मुझे इस घटिया धर्म और संस्कृति से घिन आती है !!!
बलात्कार की संस्कृति मुर्दाबाद !
ब्राह्मणवाद-मनुवाद हो बर्बाद !

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