बढ़ चलें जात से जमात की ओर - गजेन्द्र मांझी

बढ़ चलें जात से जमात की ओर- गजेन्द्र  मांझी 

बिहार मे कुल 22 जातियाँ हैं जो अनुसूचित जाति घोषित है ।सभी जातियों के अपने अपने जातीय संगठन भी है और एक एक ही नहीं बल्कि अनेकों जातीय संगठन है ।लेकिन सैकड़ों संगठन के होते हुए भी नीतीश कुमार ने अमीरदास आयोग को भंग कर दिया ,बंदोपाध्याय कमिटी के रिपोर्ट को गतलखाने में फेंक दिया ,असंवैधानिक बंटवारा कर डाला ,प्रोन्नति में आरक्षण समाप्त कर दिया ,छात्रवृति में कटौती कर डाला ,न्यायिक पदाधिकारियों की नियुक्ति में sc,st का प्रतिनिधित्व पुरी तरह समाप्त करने का काम किया है ।हमलोग कुछ नही कर पाए क्योकि हम आपस में एक दुसरे को छोटा और अपने जात को श्रेष्ठ बताते रहे ।जबकि सामाजिक राजनैतिक और संवैधानिक रूप से सभी एक समान है और सभी एकसमान सामाजिक प्रताड़ना (अस्पृश्यता)के शिकार रहे है और ,भी को एकसमान संवैधानिक अधिकार भी प्राप्त है ।जब अधिकार एक है तो पाने के लिए संघर्ष का रूप अलग कैसे ? लड़ाई कोई भी लड़े और जीते तो लाभ सबको बराबर ।हरिकेश्वर राम के नेतृत्व मे पासवान समाज ने जात से जमात की ओर जाने का संकल्प लिया है तो औरों को भी इस संकल्प को आगे बढ़ाना चाहिए ।क्या हम सफलता की ओर बढेंगे ।

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