नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने आज केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आजकल बैंक कोई फैसले नहीं करता, सभी निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करते हैं।
30 दिसंबर के बाद चलन से बाहर हुए नोटों को बदलवाने पर रिजर्व बैंक की रोक पर उन्होंने कहा, मुझे न
हीं लगता कि यह आरबीआई का फैसला है। यह प्रधानमंत्री का ही होगा। मुझे नहीं लगता कि इस वक्त आरबीआई कोई फैसला करती है। मोदी ने आठ नवंबर की रात देश को संबोधित करते हुए कहा था कि जो लोग 30 दिसंबर तक अपना पुराना नोट जमा नहीं करा सकेंगे, वह 31 मार्च, 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक की विशेष शाखाओं में जाकर उन्हें एक हलफनामे के साथ जमा कर सकते हैं।
सेन ने कहा कि रघुराम राजन के कार्यकाल में आरबीआई काफी स्वतंत्र था। उसके लिए आई जी पटेल और मनमोहन सिंह जैसे अच्छे लोगों ने काम किया है। इससे पहले रेड्डी और जालान भी रिजर्व बैंक की स्वायत्ता बचाए रखने पर जोर दे चुके हैं
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