अदालत से बेगुनाह साबित कर दिये मुस्लिम युवाओं को फिर से जेलों में डाल रही है अखिलेश सरकार : रिहाई मंच

अदालत से बेगुनाह साबित कर दिये मुस्लिम युवाओं को फिर से जेलों में डाल रही है अखिलेश सरकार : रिहाई मंच
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उत्तरप्रदेश। नीचे की तस्वीर में बाएं से तीसरे नंबर पर सर पर सफेद रंग का साफा बांधे इस शख्स नौशाद को आज 13 जनवरी को उनके घर बिजनौर से यूपी पुलिस ने उठा लिया। इस शख्स और उसके अगल-बगल बैठे ये चारों शख्स 8 साल नौ महीने के बाद जनवरी 2016 में आतंकवाद के आरोपों से अदालत द्वारा बाइज्जत बरी किए गये थे।
रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव कहते हैं कि इन बेगुनाहों की रिहाई के बाद जहां होना तो यह चाहिए था कि युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इनसे माफी मांगते कि बेगुनाहों को वादा करने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया उलटे अब इनको फिर से जेल में डालने के लिए गुपचुप तरीके से हाईकोर्ट चले गए और वारंट जारी करवाकर आज फिर से नौशाद को उसके घर उठवाकर उनके दिल को ठंडक मिली।
रिहाई मंच ने अखिलेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे पूर्व में भी जब जस्टिस आरडी निमेष कमीशन ने तारिक-खालिद की गिरफ्तारी को संदिग्ध करार दिया था और दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी तो उस वक्त भी इस रिपोर्ट को अखिलेश सरकार ने दबा दिया।
राजीव यादव बताते हैं कि जब रिहाई मंच ने निमेष कमीशन की रिपोर्ट को जनहित में लीक कर जारी किया तो उसके बाद बौखलाई अखिलेश सरकार, पुलिस व आईबी ने मौलाना खालिद मुजाहिद का कत्ल करवा दिया। और आज फिर उन्होंने नौशाद को गिरफ्तार करवाकर यह साबित कर दिया कि भारी पैमाने पर आरडीएक्स, एके 47 रखने वाली आतंकी पुलिस वालों को बचाने के लिए सरकार किसी भी स्तर पर जा सकती है।
रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव कहते हैं कि यह सिर्फ चार शख्स अली अकबर, शेख मुख्तार, नौशाद और अजीजुर्रहमान की तस्वीरें मात्र नहीं है। यही अखिलेशियन विकास का वास्तविक माॅडल है। बेगुनाह मुस्लिम युवाओं को जेलों में ठूसकर रिकार्ड कायम कर अपने संघी आकाओं को खुश करने के लिए अखिलेश किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। अब ये बात तो उनके पिता जी मुलायम सिंह खुद कह रहे हैं कि उनके चहेते चचा गुजारात जनसंहार के आरोपी तड़ीपार अमित शाह से मिलकर पार्टी को कमजोर कर रहे थे।
राजीव यादव अखिलेश पर आरोप मंढ़ते हुए कहते हैं कि अपने चचा के बेटे-बहू को बचाने के लिए धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा हिन्दुस्तान में मुस्लिमों के कातिलों के साथ जब वे हाथ मिला सकते हैं तो हमें भी इस कातिल सियासत को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। क्योंकि इन बेगुनाहों के परिजनों ने इंसाफ के लिए जो संघर्ष किया और खुद व अपने घर-परिवार को दांव पर लगाकर यह कामयाबी हासिल की है, जिसे यूं ही बेकार नहीं जाने दिया जा सकता है।

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