हिंदी दिवस पर इंग्लिश के नाम मेरा पत्र- डॉ ओम सुधा

आई एम् वैरी पुवर इन इंग्लिश बट आई लव इंग्लिश
इंग्लिश के नाम मेरा पत्र
मेरी प्यारी इंग्लिश जानता हूँ की भोपाल में विश्व हिंदी सम्मलेन का आयोजन होने से तुम दुखी चल रही हो, वैसे दुखी तो वो लोग भी चल रहे हैं जो हिंदी के साहित्यकार-लेखक कहे जाते हैं। पर तुम दुखी मत होना मेरी प्यारी इंग्लिश , देखो मैं चाहे कितना भी हिंदी में लिखूं , हिंदी में पढूं, हिंदी में बोलूं पर मेरा पहला और आखिरी प्यार तुम ही हो । तभी तो तुमको ठीक से ना जान पाने की कसक गाहे-बगाहे दिख ही जाती है। पता है मेरे बाबूजी भी तुमसे बहुत स्नेह रखते हैं , बचपन में जब भी हमे किसी रिश्तेदार के यहाँ जाते तो बड़े भैया का परिचय देते हुए यह जरुर बोलते थे की ये अंग्रेजी भी बोना जानता है, पंद्रह अगस्त को जब भैया ने गाँव के स्कूल में इंग्लिश में भाषण दिया था तो इसकी चर्चा महीनो हुयी थी और बाबूजी का सीना “छप्पन इंच ” का हो गया था।

जब भी मेरे सामने बड़े भैया के इंग्लिश ज्ञान की तारीफ होती थी तो मैं कुढ़ जाता था। पर, जब मैं जब नवोदय में पढने गया तो तुमसे मेरी मुलाकात ए के झा सर ने कराई थी। आज भी याद है जम्बो हाथी वाली वो कहानी । पर तुम ठहरी शहरी और मैं गाँव का गंवार , तुमको चुपके चुपके देखता था। किसी तरह तुम्हारे विषय में पास कर पाया। पर मेरे मुहब्बत की इन्तेहा देखो, मैंने तुमको बेवफा नहीं माना । फिर मैं कभी ट्रेन से कहीं जाता तो अंग्रेजी अखबार खरीद कर रख लेता और तुमसे नज़रें मिलाने की कोशिश करता । पर कहाँ तुम अंग्रेजी मेम और मैं घोरघट गाँव का देहाती। पता है , आज भी मैं तुमको उतना ही प्यार करता हूँ जितना स्कूल के दिनों में करता था, तुम मेरा पहला प्यार हो।

पता है, मैंने अपने घर के सब बच्चों को अब अंग्रेजी स्कूल में ही भेजना शुरू कर दिया है। बाबूजी जब तनिष्का को गाँव लेकर जाते हैं तो सबको बतलाते हैं सोम की बेटी है अंग्रेजी स्कूल में पढ़ती है। पर अब जलन नहीं होती अच्चा लगता है। मन करता है किसी दिन तनिष्का को बोल दूँ ये जो अंग्रेजी है न तुम्हारी आंटी है। पर नहीं बोल पाता वैन साइडेड लव है न। और , अभी जो भोपाल में चल रहा है हिंदी सम्मलेन उससे घबराना नहीं। मोदी जी बहुत अच्छे आदमी हैं वो तो बस तुमको जला रहे हैं, भीतरे भीतर तुमको बहुते प्यार करते हैं देखती नहीं सब सरकारी स्कीम का नाम इंग्लिस में धरे हैं- डिजिटल इंडिया, क्लीन इंडिया, मेक इन इंडिया। इसलिए तुम घबराइए मत। और वो जब सब वहां टाई कोट पहन के शुद्ध हिंदी में श्रीमान श्रीमती का उच्चारण कर रहे हैं उनसे मत परेशां होना। सबके बच्चे तुमरे ही पास तो पढ़ते हैं। 

ठीक है मेरी प्यारी अंग्रेजी, थोडा लिखा ज्यादा समझना।
सिर्फ तुम्हारा
डॉ ओम सुधा इंग्लिश प्रेमी

टिप्पणियाँ