किसी व्यक्ति या विचार का लोक यानी Folk में प्रवेश कर जाना ही दरअसल उसका अमर हो जाना है।
डॉ. रोहित वेमुला सोशल मीडिया से होकर किताब में पहुँचे और अब वे लोकसंगीत और नाटकों में नजर आ रहे हैं। कलाकार उनके नाम पर गाने लिख रहे हैं, जिन्हें गुनगुनाया जा रहा है। उनपर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बन रही है। नाटक खेले जा रहे हैं।
पिछले दिनों मुझे महाराष्ट्र के वर्धा में ऐसा ही एक नाटक देखने का मौक़ा मिला। डायरेक्टर और कलाकारों का आभार।
रोहित वेमुला का भूत RSS को लंबे समय तक चैन की नींद सोने नहीं देगा।
{दिलीप मंडल की फेसबुक वाल से}
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