शालू यादव

दूसरी लड़की जो पहली के बिलकुल उलट है।बात बात पर मारपीट नही करती लेकिन जव पहली किसी को पीटना शुरू करती है तो ये भी ये सोचके ' कि बहन चलो, अब नही मारेंगे तो काम भर का पा जायेंगे'
धुनना शुरू कर देती है।
ये बताती है कि उसके दो रिश्तेदारो ने लगातार कई दिनों तक उसके साथ 6 साल की उम्र में बलात्कार किया।इसने बोलना छोड़ दिया था,दिनभर गुमसुम रहती थी, दिमाग में गांठे पड़ गयी थी। कई बार आत्महत्या का भी सोचा। स्लीपिंग डिसऑर्डर,स्पीच डिसऑर्डर, अवसाद की चपेट में भी आ गयी थी। अब ठीक हैं। जीवन में कड़े फैसले लिए है। खुश रहती है। हाँ! कुछ समस्याएं अभी भी है। जैसे स्पीच डिसऑर्डर की समस्या। लेकिन अवसाद वगैरह को तो ये अब ठेंगा दिखा देती हैं। जिंदादिल है, पेंटिंग्स बनाती है,पॉलिटिक्स करती है।
धुनना शुरू कर देती है।
ये बताती है कि उसके दो रिश्तेदारो ने लगातार कई दिनों तक उसके साथ 6 साल की उम्र में बलात्कार किया।इसने बोलना छोड़ दिया था,दिनभर गुमसुम रहती थी, दिमाग में गांठे पड़ गयी थी। कई बार आत्महत्या का भी सोचा। स्लीपिंग डिसऑर्डर,स्पीच डिसऑर्डर, अवसाद की चपेट में भी आ गयी थी। अब ठीक हैं। जीवन में कड़े फैसले लिए है। खुश रहती है। हाँ! कुछ समस्याएं अभी भी है। जैसे स्पीच डिसऑर्डर की समस्या। लेकिन अवसाद वगैरह को तो ये अब ठेंगा दिखा देती हैं। जिंदादिल है, पेंटिंग्स बनाती है,पॉलिटिक्स करती है।
दोनों जब भी ये बताती है तो खुद को ना विक्टिम समझती है ना ही सर्वाइवर । बस जिंदगी का एक फेज़ समझ के भूला देना चाहती है और लड़ना चाहती है किसी के साथ ऐसा न हो।
मैं विदा लेंने के लिए बाय बोलकर उठने को होती है। तब तक पहली वाली कहती है 'शिव कुमार बटालवी'की ये कविता जरूर पढियेगा
मैं विदा लेंने के लिए बाय बोलकर उठने को होती है। तब तक पहली वाली कहती है 'शिव कुमार बटालवी'की ये कविता जरूर पढियेगा
'अनछु शिखरां नूं छु पांवा
जी चाहे पँछी हो जांवा...
फिर दोनों एक साथ गाने लगती है
जी चाहे पँछी हो जांवा...
फिर दोनों एक साथ गाने लगती है
'हिमटीसिया मोइया मोइया,युगां युगां ते कक्कर होइयां घुट्ट कालेजा मैं गरमावा,जी चाहे पंछी हो जँवा....
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