एक पशु पवित्र ..........लेकिन एक आदमी अपवित्र केशी अन्होखी बात है इस देश में पशु (गाएं ), सांप, नह्दी (गंगा), पहाड (हिमालय पर्वत ) , पेड (बरगद,पीपल, तुलसी) आदि को तो पवित्र माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है.............एक आदमी (दलित) को छूना भी पाप और अधर्म है. ???????? झज्जर. गौकशी के आरोप में पांच लोगों की निर्मम हत्या करने के मामले आज दोषियों को कोर्ट की ओर से सजा सुनाई जाएगी। दुलिना कांड में शनिवार को एडीजे एके जैन की अदालत ने ७ लोगों को दोषी पाया था। साथ ही बाकि १९ आरोपियों को बरी कर दिया गया था। सोमवार को इन सभी आरोपियों को सजा सुनाई जानी है। इसके लिए जिलापुलिस की ओर से भी पुख्ता प्रबंध की तैयारियां कर ली गई है। माना जा रहा है कि जिस तरह से साल २००२ में यह हत्याकांड राजनीतिक रूप ले गया था, कहीं सजा सुनाए जाने के बाद फिर से किसी तरह की राजनीतिक गतिविधियां रंंग न ले। इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गया। वहीं सूत्रों की मानें तो गोभक्त इस फैसले से काफी खफा नजर आ रहे हैं। ये हुए दोषी करार : जिला कोर्ट द्वारा दुलिना कांड में गौशाला संघ प्रधान ओमप्रकाश कबलाना, नगर पार्षद शिशुपाल मलिक झज्जर, कलोई के सरपंच सूबेसिंह, डा. रणबीर मल्हान, रमेश सूहरा, जगबीर मल्हान झज्जर, सतबीर शामिल है http://bollywood.bhaskar.com/article/HAR-OTH-748502-1239190.html रिटायर्ड दलित अधिकारी के कमरे को गोमूत्र छिड़क कर 'शुद्ध' किया! तिरुवनंतपुरम।। केरल के तिरुवनंतपुरम में अनुसूचित जाति के एक वरिष्ठ अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद कुछ कर्मचारियों ने उनके कार्यालय के कक्ष और फर्नीचर पर कथित तौर पर गोमूत्र छिड़क कर कथित शुद्धिकरण किया। ए के रामकृष्णन 31 मार्च को पंजीयन महानिरीक्षक (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन) के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने इस घटना की जांच की मांग करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग का रुख किया है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पास इस बात की विश्वसनीय सूचना है कि कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने मेज, कुर्सी और यहां तक तक कार्यालय की कार के अंदर गोमूत्र छिड़का है। रामकृष्णन ने कहा कि उनका मानना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से हैं और यह उनके मानवाधिकार एवं नागरिक स्वतंत्रताओं का उल्लंघन है। सूत्रों ने बताया कि याचिका के आधार पर एक मामला दर्ज करने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन दिनाकरन ने कर सचिव को नोटिस भेजकर इस बारे में सात मई तक जवाब मांगा है। इस घटना के बारे में पूछे जाने पर रामकृष्णन ने कहा कि वह इस मामले को आगे बढ़ाएंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सामाजिक रूप से वंचित तबके का अपमान है। http://
एक पशु पवित्र ..........लेकिन एक आदमी अपवित्र
केशी अन्होखी बात है इस देश में पशु (गाएं ), सांप, नह्दी (गंगा), पहाड (हिमालय पर्वत ) , पेड (बरगद,पीपल, तुलसी) आदि को तो पवित्र माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है.............एक आदमी (दलित) को छूना भी पाप और अधर्म है. ???????? झज्जर. गौकशी के आरोप में पांच लोगों की निर्मम हत्या करने के मामले आज दोषियों को कोर्ट की ओर से सजा सुनाई जाएगी। दुलिना कांड में शनिवार को एडीजे एके जैन की अदालत ने ७ लोगों को दोषी पाया था। साथ ही बाकि १९ आरोपियों को बरी कर दिया गया था। सोमवार को इन सभी आरोपियों को सजा सुनाई जानी है। इसके लिए जिलापुलिस की ओर से भी पुख्ता प्रबंध की तैयारियां कर ली गई है। माना जा रहा है कि जिस तरह से साल २००२ में यह हत्याकांड राजनीतिक रूप ले गया था, कहीं सजा सुनाए जाने के बाद फिर से किसी तरह की राजनीतिक गतिविधियां रंंग न ले। इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गया। वहीं सूत्रों की मानें तो गोभक्त इस फैसले से काफी खफा नजर आ रहे हैं। ये हुए दोषी करार : जिला कोर्ट द्वारा दुलिना कांड में गौशाला संघ प्रधान ओमप्रकाश कबलाना, नगर पार्षद शिशुपाल मलिक झज्जर, कलोई के सरपंच सूबेसिंह, डा. रणबीर मल्हान, रमेश सूहरा, जगबीर मल्हान झज्जर, सतबीर शामिल है http://bollywood.bhaskar.com/article/HAR-OTH-748502-1239190.html रिटायर्ड दलित अधिकारी के कमरे को गोमूत्र छिड़क कर 'शुद्ध' किया! तिरुवनंतपुरम।। केरल के तिरुवनंतपुरम में अनुसूचित जाति के एक वरिष्ठ अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद कुछ कर्मचारियों ने उनके कार्यालय के कक्ष और फर्नीचर पर कथित तौर पर गोमूत्र छिड़क कर कथित शुद्धिकरण किया। ए के रामकृष्णन 31 मार्च को पंजीयन महानिरीक्षक (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन) के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने इस घटना की जांच की मांग करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग का रुख किया है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पास इस बात की विश्वसनीय सूचना है कि कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने मेज, कुर्सी और यहां तक तक कार्यालय की कार के अंदर गोमूत्र छिड़का है। रामकृष्णन ने कहा कि उनका मानना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से हैं और यह उनके मानवाधिकार एवं नागरिक स्वतंत्रताओं का उल्लंघन है। सूत्रों ने बताया कि याचिका के आधार पर एक मामला दर्ज करने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन दिनाकरन ने कर सचिव को नोटिस भेजकर इस बारे में सात मई तक जवाब मांगा है। इस घटना के बारे में पूछे जाने पर रामकृष्णन ने कहा कि वह इस मामले को आगे बढ़ाएंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सामाजिक रूप से वंचित तबके का अपमान है। http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7899715.cms |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
sujhawon aur shikayto ka is duniya me swagat hai