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ये घर है शाहबानो का .घर के दरवाजे पर बहता नाला , टूटा-फूटा बिना दरवाजे के घर, चूल्हा है मगर जलता नहीं है. पेट है, भूख भी भी है, पर रोटी नहीं है. बीडी में तम्बाकू भरते हुए कब दम और टीबी हो गया पता ही नहीं चला. ये दास्ताँ है भागलपुर के बीडी मजदूरों की . पिछले दिनों शोध के सिलसिले में जाने का मौका मिला. आप भी बीडी मजदूर का घर देखिये

पिछले दिनों अपने एक मित्र सुधाकर के साथ बिहार के मुस्लिम बस्ती में जाते हुए रास्ते में एक दुकान पर एक बच्चा कपडा बेचते हुए दिख गया . मेरे पास कैंमरा था मैंने उसकी फोटो खीच ली . आप भी देखिये

1997 से २००५ के बीच महाराष्ट्र में करीब 29000 किसानों ने आत्महत्या कर ली. 2004 से 22 अक्टूबर से 2011 तक ये आंकड़ा 8652 को पार कर गया. इस साल अबतक लगभग 647 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. मजलूम, मजदूर, दलित और किसानो की इस देश में यही कहानी है. मिडिया और सरकार आंकड़ों में न जाने किस विकास की बात करते हैं. ???

आज डिस्कवरी चैनल पर देखा- बनारस के पण्डे-पुजारी बारिश के लिए मेढक और मेढकी की शादी करा रहे हैं. सफाई भी दी की ये परंपरा सदियों पुरानी है. बताइए साहब दुनिया में हम अपनी कौन सी छवि पेश कर रहे हैं ??? कोई बताएगा ये कौन सा हिन्दुस्तान बनाना चाहते हैं?