संदेश

भारत के करीब चौरासी करोड़ लोग बीस रूपये प्रतिदिन से कम पर गुज़ारा कर रहे हैं. स्विस बैंक में देश का सत्तर लाख करोड़ (भारत के सात साल के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर) काला धन के रूप में जामा है. आइये नए साल के जश्न में डूब जाएँ

रंग-बिरंगा पर्जातंतर, शिबू सोरेन, सुरेश कलमाड़ी, ए राजा , नीरा रादिया बाहर और विनायक सेन अन्दर .....अब तो खोल से बाहर निकलो मेरे सुर में सुर मिलाओ .....न्यायपालिका मुर्दाबाद

२००५ से २०१० तक केवल झारखण्ड में डायन के नाम पर लगभग एक हज़ार महिलाओं को जिंदा जला दिया गया (सरकारी आंकड़ा) ...... आइये नए साल का जश्न मनाएं

छाया युद्घ में दिखा जमींदार का आतंक

हम जब सर्कस देख रहे होते हैं तो मौत का कुआँ देखते हुए हमारी रूह कांप जाती है, हर साल २२००० से ज्यादा आदमी सीवर में दम घुटने से मर जाते हैं, कोई उफ़ तक नहीं करता...

bhagat singh

छोटे कद के मदन का बड़ा कमाल

एलिट क्लास का ये जातिवाद

मैं नसीमा बिहार की नहीं, रेड लाइट एरिया की बेटी हूं!

बदल रहे हैं, गांव, देहात और जंगल

सुरक्षा+विकास+सपना = बिहार की लहर

पहले देश, समाज, तब “मैं”