संदेश

हिन्दुस्तान के दलित जाति के विद्यार्थियों के लिए सर्कार ने खज़ाना खोला ..एक बानगी देखिये पहली से छठी तक के बच्चों के लिए चालीस रूपये, छठी से आंठ्वी के लिए साठ रूपये और आठवीं से दसवीं तक के लिए पचहत्तर रूपये प्रतिमाह कपडे, किराया, खाना और किताबों के मद में ..ये उस देश की कहानी है जहाँ चालीस करोड़ रूपये का गुब्बारा उड़ाया गया वो भी खेल-खेल में..

झारखण्ड के गुमला मार्ग में क्रेशर पे एक पतली दुबली सी महिला पत्थर तोडती नज़र आती है . क्या आप बिस्वास करेंगे ये जस्मीना तिरु है जो कभी सवा अरब से ज्यादा की आबादी वाले हिंदुस्तान की राष्ट्रीय हाकी टीम का सदस्य रह चुकी है..सुन रहे हैं कलमाड़ी जी ?

आखिर आरक्षण का सही हकदार कौन है? वो जो आर्थिक सामाजिक रूप से पिछड़ा होते हुए भी सवर्ण होने की वजह से मान-सम्मान पता है या वो जो दो टूक रोटी के लिए मनुष्य होते हुए भी मनुष्य का मॉल-मूत्र अपने सर पर उठता है शादी ब्याह के अवसर पर कुत्ते को मिलने वाला खाना खाना है और सुअर्बदे में रात गुजरता है या जो चार मंत्र पढ़कर माल पुआ उडाता है? आपका क्या विचार है?

हिन्दुस्तान के मंदिरों की सालाना आय लगभग २००० करोड़ रूपये से भी ज्यादा है. भला पत्थर की ये बेकार मूर्तियाँ इस अकूत धन दौलत का क्या करेंगी? जाहिर है मज़ा सदियों से देश के ब्रह्मन ही लूट रहे हैं..जब बिरला, अम्बानी और बच्हन जैसे लोग यहाँ माथा टेकते हैं तो आम आदमी की क्या औकात की इस अन्ध्बिश्वास के खिलाफ बोल सके..क्यूँ नहीं इन मंदिरों को तोड़कर गरीबों और दलितों के लिए बसेरा बना दिया जाय? आपका क्या विचार है ?

आज सरस्वती पूजा है..ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा सिर्फ बिहार में बहुत तामझाम के साथ मनाई जाती है..बिहार में ५३ % लोग आज भी निरक्षर हैं.. ..केरल में ये पूजा नहीं मनाई जाती १००% साक्षर कमाल का आंकड़ा है....जय माँ शारदे...